
कल क्या होगा सोच कर आज नहीं गवाना मुझको ये ज़िन्दगी का तोहफा परेशानियों में नहीं बिताना मुझको मेरे हिस्से की सारी खुशिया दोनों हाथो से बटोरूँगी इस दिल के किसी भी अरमान को अब
थोड़ा खुद के लिए जिया तो क्या गुनाह किया सबके लिए हमने क्या क्या फ़ना किया माना पुकारेंगे मतलबी हमें ये लोग जब घुट रहे थे हम जब मर रहे थे हम तो इन्होने क्या