कल क्या होगा सोच कर आज नहीं गवाना मुझको
ये ज़िन्दगी का तोहफा परेशानियों में नहीं बिताना मुझको
मेरे हिस्से की सारी खुशिया दोनों हाथो से बटोरूँगी
इस दिल के किसी भी अरमान को अब अधूरा न छोडूंगी
अपने सुकून की खातिर किसी पीर फ़क़ीर तक नहीं जाना मुझको
ये ज़िन्दगी का तोहफा परेशानियों में नहीं बिताना मुझको
गलत सही की परिभाषा मैं खुद ही लिखूंगी
लाख रोके ये दुनिया मुझको अब मैं नहीं रुकूंगी
इस समाज के दांव पेंच में अब न ही उलझाना मुझको
ये ज़िन्दगी का तोहफा परेशानियों में नहीं बिताना मुझको