जिंदगी

आज सुबह खिड़की पर चाय का प्याला लिए बैठी थी
पीछे मुड़कर देखा
तो वह खड़ी थी
पता है कौन?
जिंदगी
मैंने पूछा -कैसे आना हुआ?
वह बोली- तुम तो याद करती नहीं
सोचा मैं ही आ जाऊं
मैंने कहा -अभी बहुत काम में हूं ,बाद में आना
मेरी यह बात सुनकर
वह धीरे से बोली
जो रुक गई मैं
तो क्या चल पाओगी तुम?

जिंदगी