थोड़ा खुद के लिए जिया तो क्या गुनाह किया।

थोड़ा खुद के लिए जिया तो क्या गुनाह किया
सबके लिए हमने क्या क्या फ़ना किया
माना पुकारेंगे मतलबी हमें ये लोग
जब घुट रहे थे हम
जब मर रहे थे हम
तो इन्होने क्या किया
थोड़ा खुद के लिए जिया तो क्या गुनाह किया
ज़ालिम है ये दुनिया टोकेगी दर बदर
तू खुद की धुन में चल
बन खुद का हमसफ़र
क्या सोचता है कौन
ये फ़िक्र तू न कर
इस फ़िक्र ने ही सबको
बंजर बना दिया
थोड़ा खुद के लिए जिया तो क्या गुनाह किया।

थोड़ा खुद के लिए जिया तो क्या गुनाह किया।